Economic Survey 2021-22: भारी गिरावट के बाद हाउसिंग सेक्टर की डिमांड हुई तेज, सरकार की कोशिशों का दिखा असर
Economic Survey 2021-22: सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि शुरू में महामारी के चलते लगे प्रतिबंध के चलते इनकम के नुकसान के साथ, भविष्य की आय की चिंता और घर में रहने के प्रोटोकॉल के चलते लोगों ने घर खरीदने का फैसला आगे के लिए टाल दिया.
दूसरी COVID-19 लहर में अहमदाबाद, हैदराबाद, गांधीनगर और रांची में कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई.
दूसरी COVID-19 लहर में अहमदाबाद, हैदराबाद, गांधीनगर और रांची में कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई.
Economic Survey 2021-22: कोरोना काल में लगे तमाम प्रतिबंधों से रेसिडेंशियल हाउसिंग सेक्टर (housing sector) पर काफी असर हुआ. डिमांड और सप्लाई दोनों प्रभावित रहे. न सिर्फ नए मकानों का निर्माण स्लो (धीमा) हो गया, बल्कि, नए हाउसिंग प्रोजेक्ट की शुरुआत में भी देरी हुई. लेकिन बाद में प्रतिबंधों में ढील देने से इस सेक्टर में हलचल तेज हुई और रेसिशडेंशियल प्रॉपर्टी के लेन-देन में काफी तेजी देखी जाने लगी. सरकार की तरफ से किए गए उपायों का भी पॉजिटिव असर देखने को मिला. बजट से पहले जारी हुए इकोनॉमिक सर्वे 2021-22 में यह बातें कही गई हैं.
हाउसिंग डिमांड में काफी सुधार आया
सर्वे रिपोर्ट में कहा गया है कि शुरू में महामारी के चलते लगे प्रतिबंध के चलते इनकम के नुकसान के साथ, भविष्य की आय की चिंता और घर में रहने के प्रोटोकॉल के चलते लोगों ने घर खरीदने का फैसला आगे के लिए टाल दिया. डिमांड गिरने से सेक्टर के सामने चुनौती खड़ी हो गई थी. बाद में कोविड प्रतिबंधों में ढील मिलने और सरकार के तरफ से राहत के उपाय मसलन कम ब्याज दर, सर्कल दरों में कमी और स्टांप शुल्क में कटौती से डिमांड में तेजी आई. इस दौरान कई प्रमुख बैंक, मॉर्गेज कंपनियों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों ने होम लोन पर अपनी ब्याज दरों में काफी कटौती की. इन सब वजहों से हाउसिंग डिमांड में काफी सुधार देखा गया.
घरों की कीमत का ट्रेंड
कोरोन की दूसरी लहर (अप्रैल-जून, 2021) के दौरान, रेसिडेंशियल प्रॉपर्टी के लेन-देन पर एक बार फिर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा, लेकिन उतना नहीं जितना कि पहली COVID-19 लहर (अप्रैल-जून, 2020) के दौरान देखी गई थी. Economic Survey 2021-22 की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना के पहली लहर के दौरान गांधीनगर, अहमदाबाद, हैदराबाद, ठाणे, मुंबई, कोलकाता, पुणे और बेंगलुरु, और दिल्ली, नोएडा और रांची में आवास की कीमतों में कमी आई है. दूसरी COVID-19 लहर में अहमदाबाद, हैदराबाद, गांधीनगर और रांची में कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई.
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NHB RESIDEX ने प्रमुख शहरों में घरों की कीमतों के ट्रेंड पर तिमाही आधार पर नजर डाली है. आप यहां इसे समझ सकते हैं:
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घर सस्ता करने के लिए सरकार की तरफ से उठाए गए ये कदम
इकोनॉमिक सर्वे 2021-22 (Economic Survey 2021-22) की रिपोर्ट में कहा गया है कि घरों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए महाराष्ट्र, दिल्ली, पश्चिम बंगाल जैसी विभिन्न राज्य सरकारों ने इस दौरान सर्किल दरों और स्टाम्प शुल्क में कमी कर दी. इसके अलावा Pradhan Mantri Awas Yojana – Urban (PMAY-U) स्कीम ने भी इसमें भूमिका निभाई. साथ ही, साल 2019-20 के बजट में सस्ते घरों के लिए टैक्स डिडक्शन की योग्यता को मार्च 2022 तक बढ़ाया गया. यह टैक्स डिडक्शन 1.50 लाख रुपये तक है जो लिए गए होम लोन पर चुकाए गए ब्याज पर (बजट 2021-22) उपलब्ध कराया जाता है.
04:33 PM IST